125 वर्षों की सामाजिक विरासत को आगे बढ़ा रहा अग्रवाल परिवार, भविष्य में और बड़े सेवा कार्यों का संकल्प ,साप्ताहिक सेवा का 100वां सप्ताह ऐतिह...
125 वर्षों की सामाजिक विरासत को आगे बढ़ा रहा अग्रवाल परिवार, भविष्य में और बड़े सेवा कार्यों का संकल्प ,साप्ताहिक सेवा का 100वां सप्ताह ऐतिहासिक रूप से संपन्न गढ़वा।गढ़वा में अग्रवाल परिवार द्वारा नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे साप्ताहिक समाज सेवा कार्यक्रम ने आज अपने 100वें सप्ताह में प्रवेश कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस खास मौके को अग्रवाल परिवार ने भव्य विशाल भंडारे, शादी की सालगिरह उत्सव, जरूरतमंदों को कंबल वितरण और सम्मान समारोह के साथ सेवा और उत्सव के रूप में मनाया।कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों जरूरतमंदों को स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन कराया गया। आयोजन स्थल पर सेवा, सहयोग और आत्मीयता का अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसने समाज सेवा की सच्ची भावना को जीवंत कर दिया।कार्यक्रम में सबसे पहले हीरालाल अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अग्रवाल परिवार द्वारा किए जा रहे सभी समाजसेवी कार्यों की प्रेरणा उन्हें अपने पूर्वजों से मिली है, और यह सेवा यात्रा आगे भी निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम भविष्य में और बृहद व व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा।उन्होंने जानकारी दी कि आज का यह विशेष आयोजन सेवानिवृत्त टीमकन कंपनी के सीईओ इंद्र कुमार अग्रवाल (अपने पुत्र अजित शशांक और पुत्रवधू याशिता अग्रवाल की शादी की वर्षगांठ) के सौजन्य से संपन्न हुआ। साथ ही उन्होंने जनमानस से आग्रह किया कि अग्रवाल परिवार को आशीर्वाद दें ताकि वे समाज सेवा के क्षेत्र में और बड़े कार्य कर सकें।हीरालाल अग्रवाल ने बताया कि लगभग 125 वर्ष पूर्व उनके पूर्वजों ने गढ़वा में व्यापार की शुरुआत की थी और तब से लेकर आज तक शहर के विकास में अहम योगदान दिया।उनके बाबा बल्लभ दास अग्रवाल और गणेश लाल अग्रवाल द्वारा शिव ढोड़ा मंदिर में बाउंड्री निर्माण कराया गया।मझिआंव मोड़ पर नदी किनारे एक कुएं का निर्माण भी अग्रवाल परिवार ने कराया, जो आज भी मौजूद है।शालिग्राम मध्य विद्यालय, सोनपुरवा का निर्माण पदुमलाल अग्रवाल, रामलाल अग्रवाल सहित अन्य सहयोगियों द्वारा कराया गया।
रामलला मंदिर में हनुमान जी की दो प्रतिमाओं की स्थापना की गई।एक जरूरतमंद परिवार के 11 शादियों का खर्च गुप्त रूप से वहन किया गया। मुबारकपुर में अरबी भाषा की पढ़ाई के लिए सबसे बड़ा संस्थान को 60% जमीन अग्रवाल परिवार द्वारा दान की गई, साथ ही वहां मंदिर और तालाब का निर्माण भी कराया गया।वही राजीव रंजन अग्रवाल ने बताया कि अग्रवाल परिवार द्वारा एकल विद्यालय भी संचालित किया गया था। पिंडरा पंच मंदिर के पास उरांव टोला में सरकारी विद्यालय की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर थी। वहां के युवक वीरेंद्र कुमार को हाई स्कूल पास करने के बाद एकल विद्यालय चलाने की जिम्मेदारी दी गई। आज वही वीरेंद्र कुमार एक सरकारी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इसे अग्रवाल परिवार अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानता है।उन्होंने बताया कि परिवार द्वारा वर्ष भर रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर, प्रसाद वितरण, तथा रामनवमी और दशहरा के अवसर पर भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है। उन्होंने समाज से अपील की कि हर व्यक्ति को अपने अर्जित धन का एक हिस्सा समाज सेवा में अवश्य लगाना चाहिए।वहीं हर्ष अग्रवाल ने कहा कि “सेवा का कोई दिन या समय नहीं होता। अग्रवाल परिवार हर सप्ताह जरूरतमंदों के बीच भोजन, सहयोग और संवेदना पहुंचाने का कार्य करता है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि “समाज सेवा केवल धन से नहीं, बल्कि समय और समर्पण से होती है। हमारे परिवार का हर सदस्य सेवा कार्यों में अपनी भूमिका निभाता है, यही हमारी ताकत है।”वही रश्मि अग्रवाल ने कहा कि “महिलाओं की सहभागिता से सेवा कार्य और मजबूत होते हैं। जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान देखकर जो संतोष मिलता है, वही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।”वही अंकिता अग्रवाल ने कहा कि “युवा पीढ़ी को समाज सेवा से जोड़ना बहुत जरूरी है। इस तरह के कार्यक्रम हमें जिम्मेदार नागरिक बनने की सीख देते हैं।”वही रुचि
अग्रवाल ने कहा कि “अग्रवाल परिवार द्वारा किया जा रहा साप्ताहिक भोजन वितरण वास्तव में मानवता की सेवा है। यह कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए।”वही दीपाली अग्रवाल ने कहा कि “जरूरतमंदों की मदद करना ही सच्चा धर्म है। परिवार द्वारा किए जा रहे सेवा कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।”वही
सुरभि अग्रवाल ने कहा कि “सेवा से आत्मिक शांति मिलती है। इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ते हैं।”वही श्वेता अग्रवाल ने कहा कि “अग्रवाल परिवार का यह 100वां सप्ताह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि निरंतर सेवा और समर्पण की पहचान है।”वही पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि “हमारे पूर्वजों ने जो मार्ग दिखाया, उसी पर चलते हुए हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।”वही पवन अग्रवाल ने कहा कि “रक्तदान, स्वास्थ्य शिविर, कंबल वितरण जैसे कार्य समाज की वास्तविक जरूरत हैं और अग्रवाल परिवार इन्हें जिम्मेदारी से निभा रहा है।”वही
तेजस अग्रवाल ने कहा कि “आज के युवा यदि समाज सेवा से जुड़ जाएं, तो समाज की तस्वीर बदल सकती है। अग्रवाल परिवार इसी दिशा में कार्य कर रहा है।”कार्यक्रम के अंत में वर्ष भर सेवा कार्यों में भोजन बनाने और जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने वाले राजेश कुमार और सुखाड़ी कुमार को शॉल ओढ़ाकर और जरूरत मंद महिलाओं के बीच कंबल वितरण कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में शालिनी अग्रवाल, ओमप्रकाश अग्रवाल,उमेश अग्रवाल ,श्रीप्रकाश अग्रवाल, अनमोल अग्रवाल, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, मानव अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, श्वेता अग्रवाल, आशुतोष अग्रवाल,हर्षित अग्रवाल, आदर्श अग्रवाल सहित पूरे अग्रवाल परिवार की अहम भूमिका रही।गढ़वा जिले की खबरों के लिए channel को सब्सक्राइब करें, बेल आइकॉन को दबाएं, लाइक करें औऱ लिंक को शेयर करें।
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