राज्य सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग-IMA गढ़वा। 29 मार्च को राजस्थ...
राज्य सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग-IMA गढ़वा। 29 मार्च को राजस्थान में कार्यरत डॉ अर्चना शर्मा ने कथित आत्महत्या कर ली। डॉ शर्मा ( गोल्ड मेडलिस्ट ) झारखंड के रिम्स मेडिकल कॉलेज से स्त्री रोग विशेषज्ञ की पढ़ाई पूरी की थी एवं अपने समय की होनहार छात्रों में से एक थी। उक्त जानकारी देते हुए IMA गढ़वा के सचिव डॉ निशांत कुमार सिंह ने बताया कि डॉ अर्चना एक महिला चिकित्सक होने के नाते उन्होंने ना जाने कितनी जिंदगियों को बचाया, पर 28 मार्च को अपने निजी अस्पताल में काम करते समय एक महिला का सिजेरियन ऑपरेशन के बाद कॉम्प्लिकेशन (पीपीएच यानी अत्यधिक रक्त स्राव ) होता है और मरीज को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत अस्पताल कर्मियों एवं चिकित्सक द्वारा लगाई जाती है। परंतु चिकित्सक सफल नहीं हो पाता है और समाज में व्याप्त कुछ लोगों के द्वारा चिकित्सक को एक एक क्रिमिनल घोषित कर दिया जाता है कि उसने जान बूझकर मरीज की जान ले ली। सचिव डॉ सिंह ने बताया कि इलाज में लापरवाही हुई , ऐसा बोलकर प्रशासन के द्वारा एवं कुछ नेता अपनी नेतागिरी के लिए चिकित्सक को आरोपी साबित कर देते हैं एवं FIR कर IPC 302 की धारा के अन्तर्गत केस दर्ज कराया जाता है। विभिन्न तरीके से फिरौती मांगी जाती है, प्राथमिकी दर्ज किया जाता है और डॉक्टर पर दवाब बनाया जाता है।उन्होंने बताया कि डॉक्टर एक कुशल श्रमिक है। वह इस तरह के उत्पीड़न सहने के लिए नहीं बने है। हुआ भी वही महिला चिकित्सक डॉक्टर अर्चना शर्मा इस दवाब में आ गई और आज अपने पीछे पूरा परिवार छोड़ इस दुनिया को अलविदा कह गई । डॉ सिंह ने कहा कि जटिलताओं को आज के समाज के द्वारा लापारवाही माना जाता है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और गलत है। लेकिन जिस तरह से चिकत्सको को विभिन्न तरीके से और FIR कर परेशान किया जा रहा है , यह काफी चिंताजनक का विषय है।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर किसी भी पेशेवर चिकत्सक के विरुद्ध मुकदमा या FIR नहीं किया जा सकता है। IMA गढ़वा राजस्थान सरकार से & केंद्र सरकार से इस घटना की पूरी जांच करने & दोषीयो को सजा देने की मांग करता है। इस पूरी घटना की आईएमए गढ़वा निंदा करता है और राज्य सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग करता है, ताकि पेशेवर डॉक्टर भय मुक्त हो कर काम कर सके।
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