गढ़वा : डी ए वी मॉडल स्कूल सह जय हिंद कोचिंग सेंटर गढ़वा में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गुरू गोविंद सिंह की जयंती पर एक सेमिनार का आयोजन क...
गढ़वा : डी ए वी मॉडल स्कूल सह जय हिंद कोचिंग सेंटर गढ़वा में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गुरू गोविंद सिंह की जयंती पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम निदेशक सुशील केसरी के द्वारा दीप प्रज्वलन कर सेमिनार की शुरुआत की गई। तत्पश्चात बच्चों को गुरु गोविंद सिंह की जीवनी के बारे में अवगत कराया गया ।इस अवसर पर अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह का जन्म 6 जनवरी 1966 को पटना में हुआ था। उनकी माता का नाम गुजरी तथा पिता का नाम गुरु तेग बहादुर था। बचपन से ही वे काफी कुशाग्र और वीर थे। 7 अक्टूबर 1708 को 42 वर्ष की उम्र में नांदेड़ में उनकी मृत्यु हुई ।वह धैर्य साहस एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। मिथिलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने पुत्रों तक को बलिदान कर दिया। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। ओम प्रकाश शर्मा ने गुरु गोविंद सिंह की धैर्य, वीरता, साहस के संबंध में बताया कि उन्होंने किस प्रकार खालसा पंथ की स्थापना 1699 में की। मदन मोहन द्विवेदी ने बताया कि सिख धर्म जाति-पाति के भेदभाव को मिटाने एकता और भाईचारा का संदेश देने के लिए बनाया गया था, आज भी गुरुद्वारों में लंगर की प्रथा है ,जिसमें सभी एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं। किसी प्रकार का छुआछूत या भेदभाव नहीं होता है। इस अवसर पर विद्यालय के सचिव पूनम देवी ने सभी को भाईचारा के साथ रहने और सिख धर्म की मान्यताओं को आत्मसात करने को कहा। आज हमारे समाज में हिंदू संस्कृति में सिख धर्म की अवमानना मानी जाती है और घर-घर में शुभ कार्यों में अरदास होते हैं। अंत में उन्होंने सभी शिक्षकों और बच्चों को धन्यवाद दिया।
वही सरकार के आदेशानुसार डीएवी मॉडल स्कूल 7 जनवरी से 13 जनवरी तक बंद रहेगा पुनः 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति की छुट्टी रहेगी और 16 जनवरी दिन गुरुवार को प्रातः 9:30 बजे खुलेगा। छुट्टी के दौरान बच्चो को सलाह दी जाती है कि वह घर पर नियमित रूप से सुबह शाम दो-दो घंटे पढें। अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि अपने बच्चों पर निगरानी रखें और मोबाइल से दूर रखें,यह बच्चों और आपके लिए लाभदायक होगा।
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