गढ़वा। जिला अधिवक्ता संघ गढ़वा के संघ भवन में शुक्रवार का दिन बेहद दुःखद और भावुक रहा। संघ के सम्मानित अधिवक्ता, जीतन राम का हृदय गति रुक जान...
गढ़वा। जिला अधिवक्ता संघ गढ़वा के संघ भवन में शुक्रवार का दिन बेहद दुःखद और भावुक रहा। संघ के सम्मानित अधिवक्ता, जीतन राम का हृदय गति रुक जाने के कारण निधन हो गया। उनके निधन की खबर जैसे ही संघ भवन में पहुंची, अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।
अधिवक्ता जीतन राम के निधन की खबर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जी.के. सिंह उर्फ बूल्लू बाबू की अध्यक्षता में शोकसभा का आयोजन किया गया। सभी अधिवक्ताओं ने 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके साथ ही, संघ ने न्यायिक कार्य से अलग रहने का निर्णय लिया, जिसे लिखित रूप से न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
स्वभाव और व्यक्तित्व
अधिवक्ता जीतन राम एक मृदुलभाषी और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनका जन्म 2 जनवरी 1945 को महुलिया गांव में हुआ था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 16 मार्च 1971 को झारखंड विधिज्ञ राज्य परिषद से वकालत की डिग्री प्राप्त की और 16 अप्रैल 1971 से गढ़वा बार में अपनी सेवाएं देना शुरू किया। अपने करियर के दौरान, उन्होंने अपर लोक अभियोजक के रूप में भी कुछ समय तक कार्य किया और नोटरी पब्लिक के रूप में भी उनकी पहचान बनी। वह क्रिमिनल और सिविल कार्यों में अपने प्रतिभाशाली प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे।
अधिवक्ता संघ का योगदान
शुक्रवार को आयोजित शोकसभा में महासचिव मृत्युंजय तिवारी, अधिवक्ता प्रमोद कुमार, ओमप्रकाश उपाध्याय, रामाशीष तिवारी, अरविंद कुमार पांडेय, भूपेंद्र नाथ तिवारी, नरेंद्र पांडेय, शशि शेखर ठाकुर, विकास कुमार चौबे, निरंजन कुमार चौबे, प्रेमचंद तिवारी, शशि भूषण तिवारी, प्ररवेज शाहिद, विजय पांडेय, अशोक तिवारी, कृष्णा मेहता, सोमनाथ विश्वकर्मा, अभय तिवारी, अभय चौबे, ओम प्रकाश उपाध्याय, राघवेंद्र पांडेय, दिग्विजय सिंह, राकेश कुमार शुक्ला, प्रभात कुमार चौबे, दीपक कुमार सिंह, अजय कुमार त्रिपाठी, शशि मनी पाण्डेय, अवध किशोर चौबे सहित कई अन्य सदस्यों ने भाग लिया और अपने सहयोगी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
परिवार का साथ छोड़ गए
अधिवक्ता जीतन राम अपने पीछे पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियों का परिवार छोड़ गए हैं। उनकी मृत्यु पर सभी अधिवक्ताओं ने गहरी संवेदना प्रकट की और ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस अपार दुख को सहने की शक्ति मिले।
जीतन राम का जाना गढ़वा जिला अधिवक्ता संघ के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे समय के साथ भरा नहीं जा सकता। उनकी यादें और योगदान हमेशा जीवित रहेंगे।
टिप्पणियाँ