गढ़वा: विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने रविवार को अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें किसी धमकी या दब...
गढ़वा: विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने रविवार को अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें किसी धमकी या दबाव से डराया नहीं जा सकता। वे हमेशा जनता के हक के लिए आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि 23 मई को हुई जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में उन्होंने जो सवाल उठाए, उन पर झांसा की तरफ से लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और भटकाने वाले हैं।
खाद्यान्न वितरण में घोटाले का आरोप:
विधायक ने बताया कि गरीबों को पांच किलो की जगह सिर्फ चार किलो राशन दिया जा रहा है, जो गरीबों के साथ अन्याय है। मेराल प्रखंड के गोदाम से करीब 2400 क्विंटल अनाज गायब हो गया, इस पर जब उन्होंने सवाल किया तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर मामले को दबाया जा रहा है, जबकि बड़े अधिकारी अब भी बचे हुए हैं। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप: विधायक श्री तिवारी ने एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र) के नाम पर हो रही अवैध वसूली की भी पोल खोली। उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालयों में दलालों के माध्यम से आम जनता से जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं और यह भ्रष्टाचार प्रशासनिक संरक्षण में चल रहा है।
वन विभाग और मनरेगा पर भी उठाए सवाल:
उन्होंने वन विभाग पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा कि जब नावाडीह से फरटिया तक बिना मुआवजा दिए सड़क बन सकती है, तो फिर गढ़वा-चिनिया सड़क का काम वन विभाग की अनुमति के बिना क्यों रुका हुआ है? मनरेगा योजना को लेकर उन्होंने बताया कि चिनिया प्रखंड के बरवाडीह पंचायत में बिना काम किए करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया है। धरातल पर एक भी काम नहीं हुआ, फिर भी सरकारी धन का बंदरबांट हुआ।
किसान सम्मान निधि में भी भारी गड़बड़ी:
विधायक ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और बताया कि बिशुनपुर प्रखंड में करोड़ों रुपये का गबन हुआ है, लेकिन प्रशासन ने केवल औपचारिक जांच कर मामले को दबा दिया।
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